पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) का तात्पर्य यह है, की किसी स्थान पर पाए जाने वाले किसी जीव समुदाय का वातावरण से एवं अन्य पारिस्थितिकी समुदाय से परस्पर संबंध होता है।Ecosystem in hindi के अंतर्गत इस पारस्परिक संबंध को परिस्थितकी तंत्र कहा जाता है।
परिस्थितकी तंत्र का अभिप्राय उस अधिवसीय वातावरण से है जहां पर जैविक घटक एवं अजैविक घटक सतत रूप से परस्पर निर्भर होते है। इस प्रकार से परस्पर निर्भरता का मूल आधार है, जैविक समुदाय के मध्य खाद्य ऊर्जा का प्रवाह।
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Ecosystem in hindi में एकोसिस्टम के जनक
जर्मन के प्राणिशास्त्री अर्नेस्ट हैकेल(Ernest Haeckel) ने 1886 में सर्वप्रथम पारिस्थितिकी(Ecology) शब्द प्रयोग किया। इन्हें पारिस्थितिकी तंत्र (Eco-System) का जनक कहा जाता है।
परिस्थितकी तंत्र की मूल अवधारणा गत्यात्मक है न की स्थिर है। यह एक खुला तंत्र होता है, जिसमें प्राकृतिक कारणों से या मानवीय हस्तक्षेप के कारण परिवर्तन होता रहता है।
पारिस्थितिकी तंत्र शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम टानसले(Tansley) ने 1935 में किया था।
पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem in hindi) के प्रकार
पारिस्थितिकी तंत्र को विभिन्न वर्गों में विभजित किया गया है-
- प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र- इस प्रकार की पारिस्थितिकी तंत्र प्रकृति में प्राकृतिक रूप से पाए जाते है, इसके बनावट में मानव का कोई रोल नहीं होता है। जैसे- वन, समुद्र, पर्वत आदि।
प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को भी कई वर्गों में विभाजित किया गया है, जो निम्न प्रकार के है-
स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र- इस प्रकार की पारिस्थितिकी तंत्र भूमि पर पाई जाती है। इस तंत्र में जैव घटक एवं अजैव घटक आपस में क्रिया करते है। इसके उदाहरण है- वन, रेगिस्तान एवं घास के मैदान प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत आते है।
- जलीय पारिस्थितिकी तंत्र- इस तरह के पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत जलीय स्थल जैसे- तालाब, नदी, पोखर समुद्र आदि।
जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी दो वर्गों में विभाजित किया गया है-
- मीठे जल का पारिस्थितिकी तंत्र- इसके अंतर्गत जैसे- नदी, झरना, पोखर, तालाब आदि।
- सागरीय पारिस्थितिकी तंत्र- हमारी पृथ्वी का 2/3 दो तिहाई हिस्सा जल से घिरा हुआ है। जैसे- समुद्र, महासागर आदि।
2.मानवीय पारिस्थितिकी तंत्र- इस प्रकार की पारिस्थितिकी तंत्र को कृतिम पारिस्थितिकी तंत्र कहा जाता है। इसके निर्माण में मानव की प्रमुख भूमिका होती है। जैसे- एकेरियम (Aquarium), खेत आदि।
पारिस्थितिकी तंत्र के घटक(Components of ecosystem)- इसके अन्तर्गत प्रमुख रूप से दो प्रकार के घटक होते है, जैविक घटक एवं अजैविक घटक।
- जैविक घटक (Biotic components)-पादपों एवं जंतुओं को मिलाकर जैविक घटक का निर्माण होता है। यह भी तीन प्रकार के होते है। उत्पादक, उपभोक्ता, अपघटक।
- उत्पादक (Producer)- इसके अंतर्गत वे घटक होते है, जो अपना भोजन स्वयं बनाते है। जैसे- सभी हरे पेड़- पौधे। उत्पादक हमेशा CO2 एवं O2 अनुपात को भी संतुलित बनाए रखते है।
- उपभोक्ता(Consumers)- इसके अंतर्गत उस प्रकार के जीव आते है, जो उत्पादक के द्वारा बनाए गए भोज्य-पदार्थ का उपभोग करते है। उपभोक्ता को भी तीन वर्गों में विभाजित किया गया है।
- प्राथमिक उपभोक्ता(Primary consumers)- इसके अंतर्गत उस प्रकार के जीव आते है, जो हरे पेड़-पौधे को या किसी उसके भाग का उपभोग करते है। जैसे- टिड्डा, बकरी, गाय आदि।
- द्वितीयक उपभोक्ता(Secondary consumers)- इसके अंतर्गत उस प्रकार के जीव आते है, जो प्राथमिक उपभोक्ताओं को अपने भोजन के रूप में ग्रहण करते है। जैसे- बिल्ली, भेड़िया, मेढक आदि।
- तृतीय उपभोक्ता(Tertiary cosumers)- इसके अंतर्गत वे जीव आते है, जो प्राथमिक उपभोक्ता एवं द्वितीय उपभोक्ता को अपने भोजन के रूप में ग्रहण करते है। जैसे- शेर, बाघ, चीता आदि।
- सर्वाहारी उपभोक्ता- प्राथमिक एवं द्वितीयक उपभोक्ताओं तथा उत्पादकों दोनों से भोजन ग्रहण करते है, जैसे मनुष्य, अपघटक, परपोषी जीव। इसके अंतर्गत बैक्टीरिया एवं कवक को भी सम्मिलित करते है।
आहार शृंखला (Food Chain)
पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह शृंखलाबद्ध रूप से होता है, जिसे आहार शृंखला कहा जाता है। आहार शृंखला में हरे पौधे उत्पादक होते है। उपभोक्ता अपने भोजन के लिए इन्ही उत्पादकों पर निर्भर होते है। पारिस्थितिकी तंत्र की निरन्तरता के लिए आहार शृंखला बहुत ही आवश्यक है।
आहार जाल (Food Web)
जीवों की विभिन्न प्रजातियों द्वारा अनेक प्रजातियों से भोजन प्राप्त करने के कारण आहार शृंखला में जटिलता आ जाती है। जिसके फलस्वरूप आहार जाल का निर्माण होता है।
पारिस्थितिकी तंत्र एवं पारिस्थितिकी में अंतर
पारिस्थितिकी तंत्र इस प्रकार की प्रणाली है, जिसका निर्माण पर्यावरण के जैविक एवं अजैविक घटकों के पारस्परिक क्रिया से होती है। | पारिस्थितिकी विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत जीवधारियों का एक दूसरे से एवं पर्यावरण से अंतर सम्बद्ध अध्ययन किया जाता है। |
पारिस्थितिकी तंत्र पारिस्थितिकी की सूक्ष्म इकाई है। | पारिस्थितिकी पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र अध्ययन है। |
पारिस्थितिकी तंत्र पारिस्थितिकी का ही भाग है। | पारिस्थितिकी का विस्तार बहुत ही व्यापक है। |
पारिस्थितिकी तंत्र की विशेषताएं
- पारिस्थितिकी तंत्र पारिस्थितिकी की आधारभूत इकाई है।
- यह एक ऐसी प्रणाली है, जिसका निर्माण पर्यावरण के सजीव एवं निर्जीव की पारस्परिक क्रिया से होता है।
- इस तंत्र के दो प्रामुख घटक है, जैविक एवं अजैविक।
- पारिस्थितिकी तंत्र प्राकृतिक (घास के मैदान, रेगिस्तान एवं जंगल) एवं मानव द्वारा निर्मित एकेरियम, फसल के खेत आदि।
- पारिस्थितिकी तंत्र में जीवधारी एक दूसरे के साथ अन्तःक्रिया करते है। एवं प्रत्येक जीवधारी पारिस्थितिकी तंत्र में अपनी प्रमुख भूमिका निभाते है।
पारिस्थितिकी तंत्र पर मानवीय प्रभाव
- प्रत्येक पारिस्थितिकी तंत्र में अलग अलग प्रकार के खाद्य प्रवाह प्रतिरूप एवं आंतरिक अधिवसीय विशेषताएं होती है।
- बढ़ते तापमन, ओज़ोन छिद्र, अम्लीय वर्षा, एवं ग्रीन हाउस प्रभाव आदि के कारण सम्पूर्ण जीवमंडल पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से असंतुलित हो रहे है।
- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की एक रिपोर्ट के आधार पर विश्व में प्रतिदिन औसतन 50 प्रकार के जीव प्रजातियों का विनाश हो रहा है।
- औद्योगिक क्रांति के बाद से ही प्राकृति का दोहन हो रहा है।
निष्कर्ष/Conclusion-
मेरे प्रिय पाठकों किसी भी परिस्थितकी तंत्र की रचना उसके जैविक घटक के अंतर्गत जीव, पेड़-पौधे, एवं अजैविक घटक के अंतर्गत हवा जल, कार्बन डाई ऑक्साइड, पानी आदि प्रमुख तत्वों पर निर्भर करती है। प्रत्येक तत्व परिस्थितकी तंत्र में अपनी प्रमुख भूमिका निभाते है।
वर्तमान समय जनसंख्या में बढ़ोत्तरी एवं मानव की क्रिया कलापों से परिस्थितकी तंत्र को बहुत ही नुकसान है। यदि अपको मेरी Ecosystem in hindi यह पोस्ट पढ़ने अच्छी लगी हो तो इसे दोस्तों को शेयर करें।
F&Q
Q पारिस्थितिकी तंत्र किसे कहते है?
A पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) का तात्पर्य यह है, की किसी स्थान पर पाए जाने वाले किसी जीव समुदाय का वातावरण से एवं अन्य पारिस्थितिकी समुदाय से परस्पर संबंध होता है। इस पारस्परिक संबंध को परिस्थितकी तंत्र कहा जाता है।
Q परिस्थितकी तंत्र जनक किसे कहा जाता है?
A जर्मन के प्राणिशास्त्री अर्नेस्ट हैकेल(Ernest Haeckel) ने 1886 में सर्वप्रथम पारिस्थितिकी(Ecology) शब्द प्रयोग किया। इन्हें पारिस्थितिकी तंत्र (Eco-System) का जनक कहा जाता है।