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Solar system in hindi | सौर मण्डल के बारें में सम्पूर्ण जानकारी ( सूर्य, ग्रह, उपग्रह, क्षुद्र ग्रह, पुच्छलतारे, उल्कापिंड), परीक्षा से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य आदि ।
सौर मण्डल एक परिवार की भांति है। सूर्य को सौर मण्डल का मुखिया कहा जाता है। सौर मण्डल के बारे में हम सब कक्षा 3 से ही पढ़ते चले आ रहें। Solar system in hindi के इस लेख में प्रतियोगी परीक्षाओं को दृष्टिगत रखते हुए अध्ययन करेंगे। मैं इस लेख में सौर मण्डल से संबंधित सभी तथ्यों को समाहित करूंगा।

पौराणिक रोमन कहानियों में सोल सूर्य देवता को कहा जाता था है। सौर शब्द का अर्थ है, ‘सूर्य से सम्बन्धित’ इस लिए सूर्य के परिवार को ‘सौरमण्डल’ कहा जाता है।
सौरमण्डल में सूर्य के अतिरिक्त 8ग्रह, 205उपग्रह, असंख्य पुच्छल तारे, लघुग्रह,क्षुद्रग्रह एवं उलकाएं पाई जाती है। ये सभी आकाशीय पिंड सूर्य के चारों तरफ दीर्घवृत्ताकार कक्षा में चक्कर लगते रहते है।
हमारे सौर मण्डल का व्यास 1179 करोड़ किमी. है सौरमण्डल का 99.9 प्रतिशत द्रव्यमान सूर्य में निहित है। सौरमण्डल का प्रमुख आकर्षकबल गुरुतत्वाकर्षणबल है।
सौरमण्डल का मुखिया सूर्य-:
सूर्य को सौर मण्डल का मुखिया या जनक कहा जाता है। सूर्य हमारी आकाशगंगा के असंख्य तारों में से एक है। सूर्य हमारी आकाशगंगा दुग्धमेखला के केंद्र से 30,000 प्रकाशवर्ष की दूरी पर है। पृथ्वी से 149.6 मिलियन किमी दूरी पर स्थित है।
ब्रम्हांड वर्ष-: जब सूर्य दुग्धमेखला आकाशगंगा के केंद्र की 250 किमी. प्रति सेकंड की गति से परिक्रमण करता है। सौरमण्डल का जनक सूर्य भी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की तरफ घूंट है। सूर्य का मध्य भाग 25 दिन में एवं ध्रुवीय भाग 35 दिनों में एक घूर्णन पूरा करता है।
सूर्य प्रतिवर्ष 12 तरामण्डलों से होकर गुजरता है, एवं हर एक माह में एक राशि से दूसरी में संक्रमण करता है। इस प्रकार गुजरने की प्रक्रिया को संक्रांति कहा जाता है। सूर्य जब मकर संक्रांति में प्रवेश करता है, तब उस स्थित को मकर संक्रांति कहा जाता है।
सूर्य एक गैसीय पिंड के रूप में है। सूर्य के केंद्र में सभी पदार्थ अधिक तापमान के कारण गैस एवं प्लाज्मा के रूप में विद्यमान रहते है। इस पिंड में हाइड्रोजन 71%, हीलियम 26%, एवं अन्य तत्व 2.5 %पाए जाते है। सूर्य का केन्द्रीय(बीच) भाग करोड़ कहलाता है।
सूर्य की ऊर्जा इसके केंद्र में होने वाली नाभिकीय संलयन की अभिक्रिया( हाइड्रोजन+हीलियम) के द्वारा प्राप्त होती है। सौर मण्डल में ऊर्जा की आपूर्ति सूर्य के द्वारा ही होती है। सूर्य के बाहरी सतह का तापमान 6000०C है।
Solar system in hindi के अंतर्गत सूर्य से संबंधित प्रमुख तथ्य-:
- प्रकाशमंडल(Photosphere)-: सूर्य का वह भाग जिसे हम अपनी आँखों से देख सकते है प्रकाशमंडल कहलाता है।
- वर्ण मण्डल(Chromosphere)-: सूर्य का वायुमंडल जो प्रकाश का अवशोषण कर लेता है, उसे वर्ण मण्डल कहा जाता है। प्रकाश मण्डल ही वायुमंडल का आधार है।
- कोरोना(Corona)- :सूर्य का बाहरी भाग जो सूर्य ग्रहण के समय दिखाई देता है, कोरोना कहलाता है।
- सौर ज्वाला(SolarFlares)- प्रकाशमंडल से कभी-कभी परमाणुओं का तूफान इतनी गति से निकलता है की सूर्य की आकर्षण शक्ति को पारकर अंतरिक्ष में चला जाता है, इसे ही सौर ज्वाला कहा जाता है।
- अरौरा बोरियालिस एवं अररौरा आस्ट्रेलिस –: जब सौर ज्वाला पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती है, तो वायु के कणों से टकराकर रंगीन प्रकाश पैदा करती है, जिसे उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव पर देखा जा सकता है। उत्तरी ध्रुव पर इसे अरौरा बोरियालिस एवं दक्षिण ध्रुव पर इसे अररौरा आस्ट्रेलिस कहा जाता है।
- सौर कलंक (Sun Spot)-: सौर ज्वाला जहां से निकलती है, वहाँ पर काले धब्बे दिखाई पड़ते है, जिसे सौर कलंक कहा जाता है।
- सूर्य का मुकुट –: जब कोरोना X-rays उत्सर्जित करती है, तो इसे ही सूर्य का मुकुट कहा जाता है।
Solar system in hindi के अंतर्गत ग्रहों का सम्पूर्ण अध्ययन-:
ग्रह-:सूर्य अथवा अन्य तारों के चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोलीय पिंड ग्रह कहलाते है। ग्रहों के पास स्वयं का प्रकाश नहीं होता है। ग्रह सूर्य के परावर्तित प्रकाश के द्वारा ही चमकते है। हमारे सौर मण्डल में कुल 8 ग्रह है। जिनके नाम सूर्य से दूरी के अनुसार निम्न है – बुध, शुक्र, पृथ्वी , मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण।
सौर मण्डल के सभी ग्रह सामान्य रूप से पश्चिम से पूर्व (घड़ी के विपरीत दिशा में) की ओर परिक्रमण करते है। लेकिन शुक्र एवं अरुण ग्रह पूर्व से पश्चिम ( घड़ी की दिशा) की ओर परिक्रमण करते है। जो ग्रह सूर्य से जितना नजदीक होंगे, उनकी गति एवं वेग उतना ही तीव्र होता है, और जो ग्रह सूर्य से जितना अधिक दूरी पर होगा, उसका परिक्रमा उतना ही अधिक होगा।
बुध, शुक्र, मंगल, वृहस्पति एवं पृथिवी ग्रह पर हाइड्रोजन हीलियम एवं मेथेन गैस बहुत ज्यादा मात्रा में पाई जाती है। इन सभी 5 ग्रहों को नग्न आँखों से देखा जा सकता है। लेकिन अन्य सभी ग्रहों को नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता है।
द्रव्यमान के आधार पर ग्रह-: इसके आधार पर ग्रहों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-:
1. पार्थिव ग्रह -: इसके अंतर्गत ग्रह छोटे एवं ठोस होते है। जैसे- बुध, शुक्र, पृथ्वी एवं मंगल।
2. जोवियन ग्रह-: इसके अंतर्गत ग्रह तरल एवं बड़े आकार के होते है। जैसे बृहस्पति, शनि, अरुण एवं वरुण। जोवियन ग्रहों का वायुमण्डल हाइड्रोजन एवं हीलियम से बना है। जोवियन ग्रहों पर वायुमण्डल मेघ रहित दिखाई पड़ते है।
दूरी के आधार पर ग्रहों का प्रकार-: इसके आधार पर भी ग्रह दो प्रकार के होते है-:
1. आंतरिक ग्रह-: इसके अंतर्गत बुध, शुक्र, पृथ्वी एवं मंगल है।
2. वाह्य ग्रह- : इसके अंतर्गत- बृहस्पति, शनि, अरुण एवं वरुण है।
बुध ग्रह-:
- बुध सौरमण्डल का सबसे छोटा ग्रह है।
- इस ग्रह के पास कोई उपग्रह नहीं है।
- सूर्य से इस ग्रह की दूरी 57.8 मिलियन किमी. है।
- यह ग्रह सूर्य की परिक्रमा 88 दिनों में पूरा कर लेता है।
- इस ग्रह की त्रिज्या-2440किमी. है।
- बुध ग्रह यक द्रव्यमान-3.3×1023 किग्रा है।
- इस ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 1/8 है।
- इस ग्रह का आंतरिक भाग धात्विक क्रोड है, जो निकिल एवं लोहा का बना है।
- सूर्य के अत्यधिक नजदीक होने के कारण यहाँ दिन बहुत ही गर्म एवं रातें अधिक ठंड होती होती है।
शुक्र ग्रह-:
- शुक्र ग्रह सूर्य से दूसरा सबसे नजदीक ग्रह है।
- यह ग्रह बादलों से पूरी तरह घिरा हुआ है।
- बुध ग्रह के समान इस ग्रह के पास भी कोई उपग्रह नहीं है।
- यह ग्रह सूर्य की परिक्रमा करने में 224.70 दिन लगते है।
- इस ग्रह की सूर्य से दूरी 10.81 करोड़ किमी. है।
- शुक्र ग्रह आकार एवं द्रव्यमान में पृथ्वी के समान है, इसलिए इस ग्रह को पृथ्वी का जुड़वा ग्रह या भगिनी ग्रह भी कहा जाता है।
- यह ग्रह शाम के समय पश्चिम में एवं सुबह के समय यह पूर्व में दिखाई देता है, इस लिए इसे शाम एवं सुबह का तारा कहा जाता है।
- शुक्र ग्रह को प्यार एवं सुंदरता की देवी कहा जाता है।
- शुक्र ग्रह का वायुमण्डल अत्यधिक मोटा है।
- शुक्र की सतह कातापमन 462०C रहता है।
- इस ग्रह के वायुमंडल में 96% कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का सकेन्द्रण रहता है।
- ताप एवं कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता के कारण इस ग्रह पर जीवन संभव नहीं है। और यहाँ प्रेशर-कुकर जैसी स्थित पाई जाती है।
पृथ्वी ग्रह-:
- पृथ्वी सौरमण्डल का सबसे महत्त्वपूर्ण ग्रह है।
- पृथ्वी की आकृति जियॉड है।
- पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है, जिस पर ही जीवन पाया जाता है।
- यह ग्रह सूर्य से दूरी के क्रम तीसरा ग्रह है।
- आकार के रूप में यह ग्रह 5वाँ है ।
- इस ग्रह का एक मात्र उपग्रह चंद्रमा है।
- पृथ्वी ग्रह अपने अक्ष पर 23½° झुकी हुई है। ऋतु में बदलाव इसी झुकाव के कारण संभव है।
- इस ग्रह का परिभ्रमण काल 23घंटा 56 मिनट एवं 4 सेकेंड है। पृथिवी की इस गति को घूर्णन या दैनिक गति कहा जाता है।
- पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ एक परिक्रमा 365.25 दिन पूरा करती है।
- इस ग्रह की सूर्य से दूरी औसत 14.96 करोड़ किमी. है।
- इस ग्रह पर जीवन वतावर्ण के कारण है इसलिए इस ग्रह को हरित ग्रह भी कहा जाता है।
- इस ग्रह पर जल की उपस्थिति के इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है।
- इस ग्रह द्वारा सूर्य का एक चक्कर लगाने में जो समय लगता है, उसे सौर वर्ष कहा जाता है। इस ग्रह का अक्ष इसकी कक्षा के सापेक्ष 66½° का कोण बनाता है।
- सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुचने में 8 मिनट 16 सेकेंड का समय लगता है।
- सूर्य के बाद पृथ्वी का सबसे नजदीक तारा प्रॉक्सीमा सेंचुरी है।
- साइरस या डॉग स्टार पृथ्वी से 9 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। यह तारा रात्री में दिखाई पड़ने वाला सर्वाधिक चमकीला ग्रह है।
मंगल ग्रह -:
- मंगल ग्रह सूर्य से दूरी के अनुसार पृथ्वी के पश्चात चौथा ग्रह है।
- आकार के दृष्टि में पृथ्वी 7वाँ ग्रह है।
- इस ग्रह पर आयरन ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण इसकी सतह लाल दिखाई देता है। जिसके कारण इस ग्रह को लाल ग्रह कहा जाता है।
- इस ग्रह के दिन का मान एवं अक्ष का झुकाव पृथ्वी के समान है।
- इस ग्रह पर भी पृथ्वी के समान दो ध्रुव है।
- इस ग्रह पर भी ऋतु परिवर्तन भी होता रहता है। क्योंकि इसका अक्ष परिभ्रमण तल से 25°12’ के कोण पर झुक हुआ है।
- मंगल ग्रह का व्यास 6800 किमी. है।
- मंगल ग्रह के वायु मण्डल में 95% कार्बन डाइऑक्साइड, 1-3% नाइट्रोजन, 1-2% आर्गन एवं 0.1- 0.4% ऑक्सीजन पाई जाती है।
- मंगल ग्रह पर ओजोन गैस का अभव पाया जाता है।
- मंगल ग्रह के उपग्रह है, फोबोस एवं डिमोस है।
- डिमोस ग्रह सौरमण्डल का सबसे छोटा उपग्रह है।
- सौर मण्डल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलंपस एवं सबसे ऊंचा पर्वत निक्स ओलंपिया इसी ग्रह पर है।
बृहस्पति ग्रह-:
- बृहस्पति ग्रह सौर मण्डल का सबसे बड़ा ग्रह है।
- सूर्य से दूरी के आधार पर 5 वाँ ग्रह है।
- इस ग्रह की सबसे प्रमुख विशेषता है, की रात्री में पृथ्वी से ज्यादा चमकीला दिखाई पड़ता है।
- इस ग्रह को सूर्य का परिक्रमा करने में 11.86 वर्ष है। एवं अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करने में 10 घंटे का समय लगता है।
- बृहस्पति ग्रह के 79 उपग्रह है।
- गैनिमीड इसके सभी उपग्रहों में से सबसे बड़ा उपग्रह है, इसका रंग पीला है। सौर मण्डल का भी सबसे बड़ा उपग्रह है।
- इसके उपग्रह यूरोपा पर वायजर अभियान से प्राप्त संकेतों के अनुसार यूरोपा की सतह पृथ्वी पर स्थित बर्फीले समुद्रों की भांति दिखाई देती है।
- इस ग्रह में 75% हाइड्रोजन, 24%हीलियम एवं 1% में अन्य सभी गैसए पाई जाती है।
- इस ग्रह के ऊपर सफेद, नीले, लाल एवं पीले रंग के बादल के स्तर दिखाई देते है।
- बृहस्पति ग्रह के ऊपर ध्रुवीय प्रकाश की क्रिया भी घटित होती है।
- बृहस्पति ग्रह में जो वलय पाए जाते है, उन्हे जोवियन वलय कहा जाता है।
शनि ग्रह-:
- शनि ग्रह आकार में सौर मण्डल का द्वितीय सबसे बड़ा ग्रह है।
- इस ग्रह की सूय से दूरी 142.7 करोड़ किमी.
- इस ग्रह की सबसे बड़ी प्रमुख विशेषता यह है की इसके भूमध्य रेखा के चारों तरफ विकसित वलय का होना। इन वलयों की संख्या 7 है। ये वलय अत्यंत सूक्ष्म कणों से मिलकर बने होते है। ये सभी गुरुत्वाकर्षण के कारण के कारण शनि ग्रह के चारों तरफ चक्कर लगा रहें है।
- शनि ग्रह में भी हाइड्रोजन,अमोनिया, मिथेन एवं हीलियम आदि गैसए पाई जाती है।
- इस ग्रह का फोबे नामक उपग्रह इसकी कक्षा मे घूमने के विपरीत दिशा में परिक्रमा करता है।
- शनि ग्रह का घनत्व सभी ग्रहों से कम यहाँ तक जल से भी कम है, यदि इसे पानी में रखा जाए तो यह तैरने लगेगा।
- शनि ग्रह को गैसों का गोला भी कहा जाता है।
- शनि ग्रह के 82 उपग्रह है, जिसमें टाइटन सबसे बड़ा उपग्रह है।
- टाइटन उपग्रह सौर मण्डल का एक मात्र उपग्रह है, जिस पर पृथ्वी के समान वायुमण्डल एवं गुरुत्वाकर्षण पाया जाताहै।
- शनि ग्रह अंतिम ग्रह जिसे नग्न आँखों से देखा जा सकता है।
अरुण ग्रह-:
- यह ग्रह सौरमण्डल में आकार में तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
- इस ग्रह की खोज 1781ई. में विलियम हरशेल ने की थी।
- भूमध्य रेखीय त्रिज्या- 25,559 किमी।
- द्रव्यमान की दृष्टि से यह पृथ्वी से 14.5 गुण बड़ा है।
- यह ग्रह सूर्य के चारों तरफ एक परिक्रमा करने में 84.013 वर्ष लगता है।
- अरुण ग्रह को अपने अक्ष पर एक परिभ्रमण करने में 10 घंटा 48 मिनट का समय लगता है।
- अरुण ग्रह की विशेषता यह है की अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की तरफ घूमता है। जिसके कारण इस ग्रह पर सूर्योदय पश्चिम दिशा में तथा सूर्यास्त पूर्व दिशा में होता है।
- इस ग्रह में भी शनि की तरह वलय भी पाए जाते है। जो 10 प्रकार के है। अल्फा (α), बीटा (β), गामा, डेल्टा आदि पीए जाते है।
वरुण ग्रह-:
- वरुण ग्रह सौर मण्डल का सबसे ठंडा ग्रह है।
- यह ग्रह अपने अक्ष पर 17 घंटा 50 मिनट में पूरा करता है।
- सूर्य की एक परिक्रमा 164.79 वर्ष लगता है।
- इस ग्रह का वायु मण्डल आती सघन है, जिसके चारों तरफ अति शीतल मीथेन गैस पाई जाती है। इसके वायुमण्डल में अमोनिया, हाइड्रोजन,हीलियम,एथेन आदि गैस पाई जाती है।
- वरुण ग्रह का घनत्व एवं द्रव्यमान अरुण के समान है। जिसके कारण अरुण एवं वरुण ग्रह को जुड़वा ग्रह भी कहा जता है।
- वरुण ग्रह के 14 उपग्रह है।
यम या कुबेर ग्रह-:
- यम ग्रह को वर्ष 2006 से पूर्व सौर मण्डल का 9वाँ ग्रह जाता था।
- 24 अगस्त 2006 में चेक गणराज्य के पराग नगर में हुए इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के सम्मेलन मे वैज्ञानिकों ने इस ग्रह का दर्जा समाप्त कर दिया।
- IAU (इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन) ने इसका नया नाम 134 340 रख दिया।
- इसे ग्रह के श्रेणी से बाहर करने का मुख्य कारण-
1. आकार में उपग्रह चंद्रमा से छोटा होना।
2. इसकी कक्षा का वृत्ताकार का नहीं होना।
3. वरुण ग्रह की कक्षा को काटना।
उपग्रह-:
“वे आकाशीय पिंड जो ग्रह के साथ-साथ सूर्य की परिक्रमा करते है, उपग्रह कहलाते है।”
- ग्रहों की तरह इनके पास भी स्वयं का प्रकाश नहीं होता है, और ये सूर्य के प्रकाश से ही चमकते है।
- ग्रहों की तरह उपग्रहों का परिभ्रमण भी परवलयाकार होता है।
- बुध एवं शुक्र ग्रह के पास कोई उपग्रह नहीं होता है।
- शनि के पास सबसे अधिक 82 उपग्रह है।
- पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह चंद्रमा है।
चंद्रमा उपग्रह-:
- चंद्रमा की भू-आकृतियों एवं आंतरिक भागों का अध्ययन करने वाले विज्ञान को सेलेनोलॉजी कहा जाता है।
- चंद्रमा पर वायुमण्डल नहीं है। एवं बादल नहीं दिखते है।
- चंद्रमा पृथ्वी का एक परिक्रमा लगभग 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट में पूरा करता है।
- पृथ्वी से चंद्रमा का सदैव एक ही भाग दिखाई देता है।
- हम पृथ्वी से चन्द्रम का लगभग 57% भाग को देख सकते है।
- चंद्रमा पर दिन रात तो होते है परंतु उनकी अवधि पृथ्वी के एक सप्ताह के बराबर होती है।
- चंद्रमा पर काले धब्बों वाले क्षेत्र (धूल के मैदान) को शांति सागर कहा जाता है। यह चंद्रमा का पृष्ठ भाग अंधकारमय होता है।
- चंद्रमा एवं पृथ्वी के बीच औसत दूरी 3,84,000 किमी है।
- चंद्रमा परवलयाकार कक्षा में पृथ्वी की परिक्रमा करता है। इसलिए पृथ्वी एवं चंद्रमा के मध्य दूरी बदलती दूरी बदलती रहती है।
चंद्रमा से संबंधित महत्त्वपूर्ण घटनाएं-:
सुपरमून-:
जब किसी पूर्णिमा को चंद्रमा अपनी दीर्घवृत्तीय कक्षा में पृथ्वी के निकतम बिन्दु या उसके उसके समीप की स्थित होती है, तो इसे फुल मून या सुपर मून कहा जाता है।
ब्लू मून-:
कैलेंडर माह में जब दो पूर्णिमाएं हो तो दूसरी पूर्णिमा का चाँद ब्लू मून कहलाता है।
सुपर ब्लड मून-: जब पृथ्वी चंद्रमा पर पूर्ण छाया डालती है, तब पूर्ण चंद्रग्रहण की उत्पन्न होती है, इसमें चंद्रमा का रंग लाल होता है । इसे ही ब्लड मून कहा जाता है, लगातार चार पूर्ण चंद्रग्रहणों को ब्लडमून कहा जाता है।
क्षुद्र ग्रह-:
मंगल एवं बृहस्पति ग्रह के कक्षाओं के बीच कुछ छोटे-छोटे आकाशीय पिंड है जो सूर्य की परिक्रमा कर रहें है। इन्हे क्षुद्र ग्रह कहा जाता है।
- क्षुद्र ग्रह को लघुग्रह या अवांतर ग्रह भी कहा जाता है।
- खगोलशास्त्रियों के अनुसार ग्रहों के विस्फोट के कारण क्षुद्र ग्रहण का निर्माण हुआ है।
पुच्छल तारें-:
पुच्छल तारें धूल, बर्फ एवं हिमानी गैसों से निर्मित पिंड होते है। जो सूर्य से दूर ठंड एवं अंधेरे में रहते है । ये सूर्य के चारों तरफ अनियमित कक्षा में गति करते रहते है।
- पुच्छल तारों को धूमकेतु भी कहा जाता है।
- पुच्छल तारों की संरचना नाभि, कोमा, एवं पूंछ के रूप में होती है।
- कुछ प्रमुख पुच्छल तारें – हैली पुच्छल तारा, हेल बाप, शू-मेकर।
उल्का पिंड-:
उल्कापिंड धूल अथवा गैसों से निर्मित होते है। ये अंतरिक्ष में तीव्र गति से घूमते रहते है।
पृथ्वी के गुरुत्तवाकर्षण के कारण तेजी से पृथ्वी की तरफ आकर्षित होते है एवं वायुमंडलीय घर्षण से चमकने लगते है। इस लिए इन्हें टूटता हुआ तारा कहा जाता है।
जब उल्का जलकर नष्ट न होकर पृथ्वी पर आकर गिरे, तब उसे उल्का पिंड या उल्काश्म कहा जाता है।
पृथ्वी पर मिलने वाला सबसे बड़ा उल्का पिंड होबा बेस्ट है।
पृथ्वी ग्रह से संबंधित परीक्षा के लिए उपयोगी महत्त्वपूर्ण तथ्य-:
पृथ्वी का आकार | जियॉड |
पृथ्वी का भूमध्य रेखीय व्यास | 12,756 किमी |
पृथ्वी का द्रव्यमान | 5.97×1024 किग्रा |
जलीय भाग | 71% |
स्थलीय भाग | 29% |
आयतन | 10.83 ×1011 किग्रा |
औसत घनत्व | 5.52(पानी के घनत्व के सापेक्ष) |
पृथ्वी की अनुमानित आयु | 4.6 बिलियन वर्ष |
पृथ्वी का परिभ्रमण समय | 23 घंटा 56 मिनट 4 सेकेंड |
पृथ्वी का परिक्रमण समय | 365 दिन,5 घंटे,48 मिनट, 46 सेकेंड |
सूर्य से पृथ्वी तक प्रकाश पहुचने में लगा समय | 8 मिनट 16 सेकेंड |
पृथ्वी की चंद्रमा से दूरी | 3,84,000 किमी |
ग्रहों से संबंधित आकार,घनत्व आदि में कौन बड़ा है, की महत्त्वपूर्ण जानकारी-:
- आकार के आधार पर ग्रहों का अवरोही क्रम-
1.बृहस्पति 2.शनि 3.अरुण 4.वरुण 5.पृथ्वी 6.शुक्र 7.मंगल 8.बुध
आकार एवं द्रव्यमान के आधार पर सबसे बड़ा ग्रह – बृहस्पति आकार एवं द्रव्यमान के आधार पर सबसे छोटा ग्रह- बुध |
- घनत्व के आधार पर ग्रहों का अवरोही क्रम-:
1.पृथ्वी 2.बुध 3.शुक्र 4.मंगल 5.वरुण6. बृहस्पति 7.अरुण 8.शनि
सबसे अधिक घनत्व वाला ग्रह- पृथ्वी सबसे कम घनत्व ग्रह- शनि |
- सूर्य से दूरी के अनुसार पर ग्रहों का आरोही क्रम-:
1.बुध 2.शुक्र 3.पृथ्वी 4.मंगल 5.बृहस्पति6.शनि 7. अरुण 8.वरुण
सूर्य से सबसे नजदीक ग्रह- बुध सूर्य से सबसे दूर ग्रह –वरुण |
- सूर्य के चारों तरफ परिक्रमण वेग के आधार ग्रहों का आरोही क्रम-:
1.बुध 2.शुक्र 3.पृथ्वी 4.मंगल 5.बृहस्पति6.शनि 7.अरुण 8.वरुण
सबसे कम परिक्रमण वेग- बुध सबसे अधिक परिक्रमण वेग- वरुण |
- परिभ्रमण (अपने अक्ष पर) वेग के आधार ग्रहों का आरोही क्रम-:
1.बृहस्पति 2.शनि 3.अरुण 4.वरुण 5.पृथ्वी6. शनि 7.अरुण 8.वरुण |
परीक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण तथ्य-:
- `सूर्य के सबसे नजदीक ग्रह-: बुध
- पृथ्वी के सबसे नजदीक ग्रह-: शुक्र
- सर्वाधिक गर्म ग्रह –: शुक्र
- सूर्य से सबसे दूर ग्रह- :वरुण
- सौर मण्डल का सबसे बड़ा ग्रह-: बृहस्पति
- सौर मण्डल का सबसे छोटा ग्रह-: बुध
- सौर मण्डल का सबसे ज्यादा घनत्व वाला ग्रह-: पृथ्वी
- सबसे चमकीला ग्रह-: शुक्र
- लाल ग्रह- मंगल
- शाम एवं भोर का तारा- :शुक्र ग्रह
- पृथ्वी का जुड़वा ग्रह- :शुक्र
- वलय(छल्ले) युक्त ग्रह-: शनि एवं अरुण
- सबसे लंबे वर्ष वाला ग्रह-:वरुण
- सबसे छोटे वर्ष वाला ग्रह-: बुध
- सर्वाधिक तापांतर वाला ग्रह-: बुध
- सबसे ज्यादा उपग्रह वाला ग्रह-: बृहस्पति
- हरे रंग का दिखने वाला ग्रह- :अरुण
- अपने अक्ष पर सबसे तीव्र गति करने वाला ग्रह-: बृहस्पति
- सूर्य के चारों तरफ सबसे कम गति करने वाला ग्रह-: शुक्र
- समान परिक्रमण(सूर्य के चारों तरफ) एवं परिभ्रमण (अपने अक्ष पर) अवधि वाला ग्रह-: शुक्र
- पृथ्वी के समान अवधि के दिन वाला ग्रह-: मंगल
- पृथ्वी के समान अक्षीय झुकाव वाला ग्रह-: मंगल
- पृथ्वी के समान परिभ्रमण अवधि वाला ग्रह- :मंगल
- पूर्व से पश्चिम की तरफ परिभ्रमण वाला ग्रह- :बुध एवं शुक्र
- उत्तर से दक्षिण की तरफ परिभ्रमण वाला ग्रह- :अरुण
- सबसे ज्यादा गति से परिक्रमा करने वाला ग्रह-: बुध
- सबसे कम गति से परिक्रमा करने वाला ग्रह- :वरुण
- किस ग्रह पर सूर्योदय पश्चिम दिशा में होता है- :अरुण