मेरे प्रिय दोस्तों हम अपको विशेषण किसे कहते है ? | Visheshan Kise Kahate Hain के बारे में विस्तृत अध्ययन करेंगे। विशेषण से संबंधित सभी जानकारी को बहुत ही बेहतरीन तरीके से लिखेंगे , जिसे आप पढ़कर सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में विशेषण से संबंधित सभी सवाल मुस्कराते हुए हल करेंगे। बस आपको इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ना होगा।
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विशेषण की परिभाषा | Visheshan Ki Paribhasha : (Visheshan Kise Kahate Hain)
विशेषण की परिभाषा-
संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की विशेषता गुण, दोष, संख्या, परिमाण, आदि बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं, और इनके प्रयोग से जातिवाचक संज्ञा की व्यापकता मर्यादित हो जाती है जैसे- लाल घोड़ा कहने से घोड़े की विशेषता व्यक्त होने के अतिरिक्त उसी घोड़े का बोध होता है जो लाल है
संज्ञा के साथ-साथ नामक संबंधी रूपी शब्दों को जोड़कर विशेषण बनाते हैं।
उदाहरण फूल –सा शरीर, अर्जुन-नामक पुत्र, गृह – संबंधी, मोह–रूपी अंधकार
संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, औरअव्यय सभी विशेषण से बनते हैं।
विशेषण की परिभाषा
संज्ञा एवं सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं।
विशेषण एक ऐसा विकारी शब्द है, जो प्रत्येक दशा में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता दर्शाता है।
उदाहरण
संज्ञा से – पेटू, लोभी, पहाड़ी, क्रोधी आदि।
सर्वनाम से – इतना, कितना, आप, वाली आदि।
क्रिया से- चलती गाड़ी खाया मुंह नृत्य करने वाली तरुणी, पद्धत सुग्गा आदि।
अव्यय से – बाहरी व्यक्ति, भीतरी बातें आदि।
विशेषण के कार्य : किसी व्यक्ति अथवा वस्तु की
विशेषता बतलाना
- राम स्वस्थ है। ( विशेषण स्वस्थ व्यक्ति राम की विशेषता बतलाता है।)
- काला घोड़ा दौड़ रहा है। ( विशेषण काला घोड़ा की विशेषता बतलाता है।)
- चांदनी चमकदार है।( विशेषण चमकदार वस्त्र चांदी की विशेषता बतलाता है।)
हीनता बतलाना
- खूनी आदमी। ( विशेषण खूनी हीनता बतलाता है।)
- चोर को मत बैठने दो।( विशेषण चोर हीनता बतलाता है।)
- बीमार वृद्ध।( विशेषण बीमार हीनता को बतलाता है।)
अर्थ सीमित करना
- खेलते बच्चे।( केवल खेलते बच्चों तक सीमित अर्थ।)
- पढ़ते छात्र।( केवल पढ़ते छात्रों तक सीमित अर्थ।)
- फसल काटते कृषक।( केवल फसल काटते दशक तक सीमित अर्थ।)
संख्या का बोध कराना
- 11 खिलाड़ी। (विशेषण 11 संख्या बोधक है।)
- 10 मजदूर।( विशेषण 10 संख्या बोधक है।)
- छठा बालक।( विशेषण छठा संख्या बोधक है।)
मात्रा बतलाना
- 5 किलो चावल।( विशेषण 5 किलो मात्रा को बोधक है।)
- 2 लीटर तेल।( विशेषण 2 लीटर मात्रा का बोधक है।)
- 3 मीटर कपड़ा। ( विशेषण 3 मीटर मात्रा का बोधक है।)
विशेष्य किसे कहते हैं?( Visheshya Kise Kahate Hain)
विशेषण के प्रयोग से जिस संज्ञा की बाया व्यापकता सीमित होती है अथवा जिस संज्ञा का गुण अथवा धर्म प्रदर्शित होता है संज्ञा को विशेष्य कहा जाता है।
विशेष्य के उदाहरण (Visheshya Ke Udaharan)
काला घोड़ा दौड़ा।
इस वाक्य में (काला विशेषण एवं उसकी संज्ञा घोड़ा विशेष्य है।)
विशेष्य के साथ-साथ विशेषण का प्रयोग दो तरह से होता है। विशेषण विशेष्य के साथ उसके पहले आता है अथवा विशेष्य के बाद विधेय क्रिया के साथ रहता है। प्रथम स्थित में विशेषण को विशेष्य विशेषण कहते हैं, और दूसरी स्थिति में विशेषण विधेय विशेषण कहलाता है।
विशेष्य विशेषण:(Visheshan Kise Kahate Hain)
विशेष्य से पहले आने वाले विशेषण को विशेष्य विशेषण कहते हैं।
उदाहरण
- सुनी जगह में है लगता ही है। (इस वाक्य में जगह विशेष्य है और उसका विशेषण खूनी उसके पहले होने के कारण विशेष्य विशेषण है। )
- काला घोड़ा दौड़ रहा है।( यहां काला विशेष्य विशेषण है।)
- मनीष चंचल लड़का है।( यहां चंचल विशेष्य विशेषण है।)
- गुड्डी सुशील ग्रहणी है।( यहां सुशील विशेष्य विशेषण है।)
विधेय विशेषण
विशेष्य के बाद और क्रिया के पहले आने वाले विशेषण को विधेय विशेषण कहा जाता है।
उदाहरण: यह जगह सुनी जान पड़ती है,( इस वाक्य में विशेष्य जगह के बाद विशेषण सूनी क्रिया के साथ विधेय विशेषण हुआ।)
- मेरा कुत्ता काला है।( यहां काला विधेय विशेषण है।)
- मेरी स्कूटर नहीं है।( यहां नई विधेय विशेषण है।)
- मेरी गाय सीधी है।( यहां सीधी विधेय विशेषण है।)
प्रविशेषण किसे कहते हैं | Pravisheshan
वह शब्द जो विशेषण की विशेषता बतलाते हैं प्रविशेषण कहे जाते हैं।
उदाहरण
- दुर्गेश अत्यधिक तेज छात्र है। ( यहां तेज विशेषण है और अत्यधिक प्रविशेषण है क्योंकि यहां तेज की विशेषता बतला रहा है)
- सीता अत्यंत सुंदर है।(यहां सुंदर विशेषण है तथा अत्यंत प्रविशेषण है।)
विशेषण के भेद | Visheshan Ke Bhed
व्यवहार के आधार पर विशेषण के चार भेद हैं-
1. गुणवाचक विशेषण
2. संख्यावाचक विशेषण
3. परिमाणवाचक विशेषण
4. सार्वनामिक विशेषण (संकेतवाचक)
गुणवाचक विशेषण(Gunvachak Visheshan)
पदार्थ के गुण रंग आकार दशा अवस्था आज का अथवा ज्ञान होता है, उन्हें हम गुण वाचक विशेषण कहते हैं।
गुणवाचक विशेषण के उदाहरण(Gunvachak Visheshan Ke Examples)
- भला, बुरा, पापी, सरल, दुष्ट।
- आसमानी, लाल ,पीला, काला।
- कुरूप, सुंदर नीच, उंच।
- लंबा-चौड़ा, तिकोना, बुल, टेढ़ा, दुबला, पतला, ढीला, मोटा, ताजा आदि।
गुणवाचक विशेषण के भेद
- आकार बोधक- लीला, लंबा, चौड़ा, गोल, सीधा, तिरछा, चौकर आदि।
- रंग बोधक- लाल, नीला, पीला, हरा, काला, गुलाबी, सुनहरा, सफेद आदि।
- गुणवाचक – भला, दुष्ट, निदानी,पाप, पूरा, अच्छा आदि।
- दशा बोधक- गीला, सूखा, भारी, गरीब, पालतू, मोटा, पतला, दुबला आदि।
- कॉल बोधक- ताजा, नया, पुराना, भूत, भविष्य, वर्तमान, अगला, पिछला आदि।
- स्थान बोधक- बाहरी, तितली, ऊपरी, क्षेत्रीय, स्थानीय, देशी, दायाँ, बाया आदि।
नोट – गुणवाचक विशेषणों में ‘सा’ ‘सी’ सदृश्यवाचक पद जोड़कर गुणों को कम या अधिक किया जाता है। जैसे-ऊंची सी,बड़ी सी, बड़ा सा, छोटा सा आदि।
संख्यावाचक विशेषण(Sankhyavachak Visheshan)
जिस शब्दों से वस्तुओं की संख्या का ज्ञान हो उसे संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है।
उदाहरण- जैसे –
- तीन लड़के
- दस गुना लोग
- चतुर्थ वर्ग
- तीसरा आदमी
- पाँचवी किताब
संख्यावाचक विशेषण के भेद(Sankhyavachak Visheshan Ke Bhed)
संख्यावाचक विशेषण प्रमुख रूप से 5 प्रकार के होते हैं, जो निमन्वत हैं-
1. गणनाबोधक
2. क्रमबोधक
3. आवृततिबोधक
4. समुदायबोधक
5. प्रत्येकबोधक
1. गणना बोधक- यह वस्तुओं की गणना का बोध करता है।
उदाहरण- जैसे- सात अमरूद, आठ आदमी।
गणनाबोधक विशेषण के भी दो भेद होते हैं
1. पूर्णांक बोधक विशेषण – जैसे-एक दो चार, हजार, लाख, करोड़ आदि।
2. अपूर्णांक बोधक विशेषण- जैसे- पाव, आधा,पौन, सवा आदि।
नोट पूर्णांक बोधक विशेषण शब्दों में अंको में लिखे जाते हैं बड़ी-बड़ी निश्चित संख्या अंको में और छोटी तथा बड़ी अनिश्चित संख्याएं शब्दों में लिखनी चाहिए, जैसे सैकड़ा हजारों लाखों आदि।
2. क्रम बोधक – यह क्रम के अनुसार गणना का बोध करता है। जैसे- पहला लड़का, चौथी लड़की, सातवीं किताब, पंचम श्रेणी आदि।
3. आवृत्तिबोधक- यह एक वस्तु का दूसरी वस्तु से अधिक का अनुपात बताता है। जैसे- चौगुना धन, चौगुना दिमाग, दूध से दुगना पानी, दूना दाम।
4. समुदाय बोधक –यह संख्या के समुदाय का बोध करता है जैसे तीनों लड़के सातों घर दोनों भाई पांचों बहनों।
5.प्रत्येकबोधक- यह अनेक वस्तुओं में से हर एक का बोध कराता है। जैसे- प्रत्येक व्यक्ति, हर एक नेता, एक-एक व्यापारी।
नोट – कुछ विद्वान इसे विभाग बोधक के नाम से भी संख्यावाचक विशेषण का तीसरा भेद मानते हैं।
परिमाणवाचक विशेषण(parimanvachak visheshan)
परिमाणवाचक विशेषण की परिभाषा(Parimanvachak Visheshan Ki Paribhasha)
जिस शब्द से किसी वस्तु के परिमाण अथवा संज्ञा संज्ञा या सर्वनाम के प्रमाण का बोध होता हो उसे परिमाणवाचक विशेषण कहा जाता है।
परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण
थोड़ा दूध, सारा देश, कम जल आदि।
परिमाणवाचक विशेषण के भेद
निश्चित परिमाणवाचक
निश्चित परिमाणवाचक विशेषण वस्तुओं के निर्माण का बोध कराता है। जैसे – चार सेर दूध, डलिया भर आम।
अनिश्चित परिमाणवाचक
अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण यह वस्तुओं के ठीक परिमाण का बोध नहीं कराता है।
जैसे- थोड़ा दूध, थोड़ा पानी, अधिक चीनी, अधिक धन, पूरा आनंद।
सार्वनामिक विशेषण
परिभाषा –जो सर्वनाम शब्द विशेषण की तरह प्रयोग होते हैं उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है।
जैसे- मेरा, तेरा, इसका, उसका, तुम्हारा, हमारा आदि।
सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण
- यह लड़का हमारे विश्वविद्यालय का है
- यह आदमी हमारा मित्र है
सार्वनामिक विशेषण के भेद
मौलिक सार्वनामिक विशेषण
जो शब्द अपने मूल रूप में संज्ञा के आगे लग्जर संज्ञा की विशेषता बताते हैं उन्हें मौलिक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है। जैसे –यह घर, वह लड़का, यह नौकर, कुछ काम आदि।
यौगिक सार्वनामिक विशेषण
योगिक सार्वनामिक विशेषण वे होते हैं, जो मूल सर्वनाम में प्रत्यय लगाने से उनका निर्माण होता है, सर्वनाम का रूपांतरित रूप जो संज्ञा की विशेषता बताता है, उसे योगिक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है।
जैसे- जैसा देश वैसा वेष।
विशेषणों की रचना
विशेषण के रूप प्रमुख स्थितियों में बदलते है-
1. रूप रचना की दृष्टि से विशेषण विकारी और अविकारी दोनों रूप में होते हैं, जिसमें से अविकारी विशेषण के रूपों में बदलाव नहीं होते हैं। यह अपने मूल स्वरूप में बने रहते हैं। यह मूल विशेषण कहे जाते हैं। जैसे- सुंदर, पीला, लाल, गोरा, सुडौल, भारी, चंचल, आदि।
2. संज्ञा में प्रत्यय लगाकर बनने वाले विशेषण
प्रत्यय | संज्ञा | विशेषण |
इक | धर्म | धार्मिक |
ईला | चमक | चमकीला |
इक | मुख | मौखिक |
ई | गुण | गुणी |
इक | अर्थ | आर्थिक |
वान | ढन | धनवान |
ईय | जाति | जातीय |
3. दो या अधिक शब्दों के मेल से विशेषण बनते हैं। जैसे-
- भला + बुरा = भला बुरा
- दुबला + पतला = दुबला पतला
- टेढ़ा + मेढ़ा = टेढ़ा मेढ़ा
- चलता + फिरता = चलता फिरता
4.क्रियाओं में प्रतत्य लगाकर बनने वाले विशेषण जैसे –
- पूज् + अनीय = पूजनीय
- पठ + अनीय = पठनीय
5. अव्यय में प्रत्यय लगाकर बनने वाले विशेषण। जैसे-
- अंदर + उनी(प्रत्यय) = अंदरूनी
- बाहर + ई(प्रत्यय) = बाहरी
6. सार्वनामिक विशेषण भी वचन और कारक के अनुसार उसी तरह बदलते है, जिस तरह सर्वनाम –
एकवचन बहुवचन
वह बालक वे बालक
उस लड़के का उन लड़कों का
7. जब संज्ञा का लोप रहता है और विशेषण संज्ञा का काम देता है, तब उसका रूपांतर विशेषण के ढंग से नहीं होता है। सामान्य विशेषण के साथ से परसर्ग नहीं लगता है। विशेष्य के साथ परसर्ग लगता है। परंतु संज्ञा बन जाने पर विशेषण पद के साथ परसर्ग लगता है। जैसे –
- विद्वानों की बात माननी चाहिए।
- लड़कों ने सब कुछ कर दिखया।
- उसने सुंदरी से पूछा।
- बड़ों का आदर करना चाहिए।
8. आकारांत विशेष लिंग, वचन और कारक के अनुसार बदलकर ए अथवा ई रूप बन जाते है। जैसे-
पुल्लिंग स्त्रीलिंग
एकवचन बड़ा,काला,ऐसा बड़ी,काली,ऐसी
बहुवचन बड़े,काले,ऐसे बड़ी,काली,ऐसी
तुलनात्मक विशेषण
दो या अधिक वस्तुओं की विशेषताओं के मिलान को तुलना कहते हैं, इस कार्य को दर्शाने वाले विशेषण हुआ तुलनात्मक विशेषण कहते हैं। और इनकी तीन अवस्थाएं होती हैं।
1. मूलावस्था
2. उत्तरावस्था
3. उत्तमावस्था
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
अधिक | अधिकतर | अधिकतम |
उच्च | उच्चतर | उच्चतम |
निम्न | निम्नतर | निम्नतम |
प्रिय | प्रियतर | प्रियतम |
श्रेष्ठ | श्रेष्टतर | श्रेष्टतम |
लघु | लघुत्तर | लघुत्तम |
महत | महत्तर | महत्तम |
वृहत | वृहत्तर | वृहत्तम |
सुंदर | सुन्दरतर | सुंदरतम |
विशेषण के संदर्भ में प्रमुख तथ्य
विशेषण के लिंग और वचन विशेष के लिंग और वचन के अनुसार होते हैं चाहे वह विशेषण के पूर्व अथवा बाद में आएं। जैसे-
- अच्छे छात्र पढ़ते हैं।
- बड़ा आदमी अच्छे स्वभाव का होता है।
- नीतू भली लड़की है।
एक ही विशेषण के अनेक विशेष हो तो विशेषण के लिए और वचन समीप वाले विशेष के लिंग वचन के अनुसार होंगे जैसे-
- अच्छी कलम और कागज।
- दयाल पुरुष और नारियां।
- पीला कुर्ता और धोती।
विशेषण का पद परिचय
विशेषण के पद के ज्ञान में भेद,लिंग,वचन,कारक एवं विशेष्य को दर्शाना या बताने चाहिए।
उदाहरण –
उस पागल आदमी को इतने पैसे किसने दिये?
उस : सार्वनामिक विशेषण है, पुल्लिंग,एकवचन, कर्म कारक, आदमी का विशेषण।
पागल : गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एक वचन, कर्मकारक, आदमी का विशेषण।
इतने : परिणामवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, कर्मकारक, पैसे का विशेषण।
मुझे थोड़ी बहुत जानकारी है।
थोड़ी बहुत- विशेषण, अनिश्चित संख्यावाचक, स्त्रीलिंग, कर्मवाच्य, विशेष्य- जानकारी।
आदर्श विशेषण
- श्रवण कुमार के समान मातृ पितृ भक्त
- राम के समान मर्यादित पुरुष
- लक्ष्मण के समान भाई
- हनुमान के समाज सेवक
- विभीषण के समान भेदी
- अंगद के पांव के समान अटल
- बालि के समान वीर
- रावण के समान घमंडी
- हरिश्चंद्र के समान सत्यवादी
- युधिष्ठिर के धर्मपालक
- भीम के समान बलिष्ठ
- कर्ण के समान दानी
- दुर्वासा के समान क्रोधी
- दधीच के समान आत्मबलिदानी
- ध्रुव के समान अटल
- कामदेव के समान रुपवान
- मेनका के समान रूपमती
- कृष्ण के समान दुविधा
- वृहस्पति के समान बुद्धिमान
- राजा के समान संपन्न
- विक्रमादित्य के समान न्याय
- जयचंद के समान देशद्रोही
- चाणक्य के समान कूटनीतिज्ञ
- हिटलर के समान तानाशाह
- गांधी के समान अहिंसावादी
- बच्चे के समान निष्कपट
- मृत्यु के समान निश्चित
- कोयले के समान काला
- चक्र के समान काल
- चंद्रमा के समान शीतल
- आकाश के समान विशाल
- आकाश के समान नीला
- बादलों के समान वर्जन
- तारों के समान आसन
- बिजली के सामान कड़क
- वायु के समान हल्का
- बर्फ के समान ठंडा
- धूल के समान सूखा
- सागर के समान गहरा
- दिन के समान चमकीला
- दूध के समान सफेद
- मक्खन के समान चिकना
- मूर्ति के समान निर्वाक
- कलश् के समान जीवन
- तारकॉल के समान काला
- पत्थर के समान भारी
- पत्थर के समान कठोर
- मखमल के समान मुलायम
- कोयले के समान काला
- तितली के समान भड़कीला
- टिड्डियों के समान असंख्य
- उल्लू के समान मूर्ख
- हंस के समान सुंदर
- मोर के समान घमंडी
- कौवे के समान चालाक
- तोता के समान रट्टू
- बाज के सामान छापामार
- गरुड के समान तीव्रगामी
- तुलसी के समान पवित्र
- बरगद के समान सृष्ट
- नारियल के समान समृद्ध
- रुद्राक्ष के समान पीड़ा हरण
- गुलाब के समान सुंदर
- केसर के सामान की पीला
- रुई के समान हल्का
- चीटी के समान मंद चाल
- शेषनाग के समान काल
- बंदर के समान नकलची
- बैल के समान मेहनती
- भैंस के समान मोटा
- घोड़े के समान गति
- गधे के समान मूर्ख
- खच्चर के समान हटी
- ऊंट के समान विडोल
- कुत्ते के समान स्वामी भक्त
- बिल्ली के समान भूरी आंख
- बाघ के समान भयंकर
- सिंह के समान गर्जन
- चीते के समान फुर्तीला
- शेर के समान साहस
- जिराफ़ के समान लंबा
- गीदड़ के समान कायर
- लोमड़ी के समान मक्कार
- मेमने के समान सीधा
- भेड़िए के सामान भुक्कड़
- सूअर के समान घृणित
- मेंढक के समान बेडौल
- घोंघे के समान मंद गति
- उस्तरा के समान है ना
- तलवार की धार पर चलने के समान कठिन
विशेषण विशेष्य चार्ट | visheshan worksheet
विशेष्य | विशेषण |
अञ्चल | आंचलिक |
अपकार | अपकारी |
अकस्मात | आकस्मिक |
अग्नि | आग्नेय |
अणु | आणुविक |
अधिकार | आधिकारिक |
अध्यात्म | आध्यात्मिक |
अनुमान | अनुमानित |
अनुवाद | अनूदित |
अक्ल | अक्लमंद |
अभिषेक | अभिषिक्त |
अनुराग | अनुरक्त |
अपमान | अपमानित |
अपेक्षा | अपेक्षित |
अवरोध | अवरुद्ध |
अंकुर | अंकुरित |
अंत | अंतिम |
अंतर | आंतरिक |
आत्मा | आत्मिक |
आश्रय | आश्रित |
आदर | आदरणीय |
आधार | आधारित |
आरंभ | आरंभिक |
आराधना | आराध्य |
इच्छा | इच्छित |
इनाम | इनामी |
इह | ऐहिक |
ईश्वर | ईश्वरीय |
ईर्ष्या | ईर्ष्यालु |
उत्तेजना | उत्तेजित |
उत्साह | उत्साही |
उपन्यास | औपन्यासिक |
उपासना | उपास्य |
उपेक्षा | उपेक्षित |
उपयोग | उपयोगी |
उपकार | उपकृत |
ऋषि | आर्ष |
ओज | ओजस्वी |
कथन | कथित |
कपट | कपटी |
कल्पना | काल्पनिक |
कागज | कागजी |
काया | कायिक |
कांटा | कटीला |
किताब | किताबी |
किस्मत | किस्मतवार |
कुत्सा | कुत्सित |
कुकर्म | कुकर्मी |
कृपा | कृपालु |
खर्च | खर्चीला |
खतरा | खतरनाक |
खपड़ा | खपड़ैल |
खान | खनिक |
गमन | गत |
ग्राम | ग्राम्य, ग्रामीण |
गुण | गुणी |
गुलाब | गुलाबी |
घर | घरेलू |
घास | घसियारा |
घृणा | घृणित |
चंद्र | चांद्र |
चम्पा | चंपई |
चरित्र | चारित्रिक |
छवि | छबीला |
जटा | जटिल |
जल | जलीय |
जवाब | जवाबी |
जंगल | जंगली |
जागरण | जाग्रत,जागरूक |
झगड़ा | झगड़ालू |
टकसाल | टकसाली |
ठंड | ठंडा |
डाक | डाकिया |
डोरा | डोरिया |
त्याग | त्यागी,त्याज्य |
तंत्र | तांत्रिक |
तंद्रा | तंद्रिल |
तालु | तालव्य |
तेज | तेजस्वी |
विशेषण से संबंधित पीडीएफ़ (PDF) डाउनलोड करना और क्विज को हल करके अपनी तैयारी का आकलन करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
पीडीएफ (PDF) | क्लिक करें |
Quiz | क्लिक करें |
निष्कर्ष:
मेरे प्रिय दोस्तों हमने इस पोस्ट में Visheshan Kise Kahate Hain | विशेषण किसे कहते है ? से सभी जानकारी को बहुत ही अच्छे से लिखा है। इस पोस्ट में हमने विशेषण से संबंधित सभी प्रश्नों को लिख दिया है। कोई भी प्रतियोगी छात्र वह कक्षा 6 से लेकर सभी प्रतियोगी छात्र आसानी से पढ़ कर लाभ ले सकते है। साथ ही इससे संबंधित सभी महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को Quiz में भी लिखा है। इसका पीडीएफ़ PDF लिंक पर क्लिक करके डाउन लोड कर सकते है।
अपको यह पोस्ट पढ़कर कैसा लगा, आप अपना विचार अवश्य साझा करें। धन्यबाद।
आप इसे पढ़ें
Raja Ram Mohan Roy | राजा राम मोहन राय
बाल गंगाधर तिलक [PDF]
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
FAQ
Q. विशेषण किसे कहते हैं और कितने भेद होते हैं?
वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते है, उसे सर्वनाम कहा जाता है। और विशेषण प्रमुख रूप से 4 प्रकार के होते है। 1. गुणवाचक विशेषण 2. संख्यावाचक विशेषण 3. परिमाणवाचक विशेषण 4. सार्वनामिक विशेषण
Q.विशेषण किसे कहते हैं?
वह शब्द जो संज्ञा अथवा सर्वनाम के विशेषतता को दर्शाते है, उसे विशेषण कहा जाता है। जैसे तेज, लंबा, नया, लाल, सुंदर, कला, पुराना आदि।
Q.विशेषण की पहचान कैसे करते हैं?
संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता- गुण, दोष, संख्या, परिणाम,बताने वाले शब्द को विशेषण कहा जाता है।
जैसे- राम स्वस्थ्य है।(विशेषण ‘स्वस्थ्य’ व्यक्ति राम की विशेषता बतलाता है।)
Q.प्रथम का विशेषण क्या है?
प्रथम का विशेषण प्राथमिक होता है।
Q.पानी का विशेषण शब्द क्या है?
पानी का विशेषण जलीय या पनीला है।