मेरे प्रिय दोस्तों भूगोल विषय के इस लेख में Din Aur Raat Kaise Hote Hain – दिन और रात कैसे होते है, के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। इसमें दिन रात का होना, उत्तरी अयनात, दक्षिणी अयनात, दिन और रात का बड़ा होता है। दिन-रात का बराबर होना आदि के बारें विस्तृत रूप से जानेगें।
पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ परिक्रमा करती है,एवं साथ ही आपने अक्ष पर घूमती है। पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमने के कारण इसका जो भाग सूर्य के सामने होता है, वहाँ पर दिन एवं पृथ्वी का जो भाग विपरीत होता है, वहाँ पर रात होती है, और यह सदैव चलता रहता है।
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पृथ्वी पर दिन और रात किस कारण होते है? : Din Aur Raat Kaise Hote Hain
पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूर्णन करने के कारण दिन और रात होते है।
घूर्णन गति – पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन गति कहलाता है। पृथ्वी का अक्ष एक काल्पनिक रेखा है, जो इसके कक्षीय सतह से 66 का कोन बनाती है। वह समतल जो कक्ष के द्वारा बनाया जाता है, उसे कक्षीय समतल कहते है।
पृथ्वी सूर्य से प्रकाश प्राप्त करती है। पृथ्वी का आकर गोल होने के कारण इसलिए एक समय में सिर्फ इसके आधे भाग पर ही रोशनी प्राप्त होती है। सूर्य की तरफ वाले भाग में दिन होता है। जबकि दूसरी तरफ का भाग दूर होता है, वहाँ पर रात होती है।
प्रदीप्ति वृत्त
ग्लोब पर वह भाग जो रात और दिन को विभाजित करता है उसे प्रदीप्ति वृत्त कहा जाता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर एक चक्कर पूरा करने में लगभग 24 घंटे का समय लेती है।
पृथ्वी घूर्णन न करे तो क्या होता?
यदि पृथ्वी घूर्णन न करती तो, सूर्य की तरफ वाले भाग में सदैव दिन होता है, जिसके कारण वहाँ पर लगातार खूब गर्मी पड़ती, साथ ही विपरीत वाले भाग में सदैव अंधेरा बना रहता और हमेशा ठंड बनी रहती।
दिन और रात कब बराबर होते है : Din Aur Raat Kaise Hote Hain
21 मार्च एवं 23 सितंबर को सूर्य की किरणे विषुवत वृत्त पर सीधी पड़ती है। इस अवस्था में कोई भी ध्रुव सूर्य की तरफ नहीं झुका होता है, इसलिए पूरी पृथ्वी पर दिन और रात बराबर होते है। इसे विषुव कहा जाता है।
23 सितंबर को उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु होती है। जबकि दक्षिणी गोलार्ध में वसंत ऋतु होती है। 21 मार्च को स्थिति इसके विपरीत होती है, जब उत्तरी गोलार्ध में वसंत ऋतु तथा दक्षिणी गोलार्ध में शरद ऋतु होती है।
दिन-रात छोटे बड़े क्यों होते है
21 जून को पृथ्वी का उत्तरी ध्रुव (उत्तरी गोलार्ध) एवं 22 दिसंबर को पृथ्वी का दक्षिणी ध्रुव (दक्षिणी गोलार्ध) सूर्य की तरफ झुके होने के कारण दिन और रात बड़े होते है।
21 जून (उत्तर अयनात)
21 जून को को उत्तरी गोलार्ध सूर्य की तरफ झुके होने के कारण सूर्य की किरणे कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है, जिसके कारण इन क्षेत्रों में ऊष्मा बहुत पड़ती है। ध्रुवों की तरफ ऊष्मा कम पड़ती है, क्योंकि ध्रुवों पर सूर्य की किरणे तिरक्षी पड़ती है। उत्तरी ध्रुव रेखा के बाद वाले हिस्से पर लगभग 6 माह तक लगातार दिन रहता है। 21 जून को इन क्षेत्रों में सबसे लंबा दिन एवं सबसे लंबी रातें होती है। पृथ्वी की इस अवस्था को को उत्तर अयनात कह जात है।
22 दिसंबर (दक्षिण अयनात)
22 दिसंबर को दक्षिणी ध्रुव के सूर्य की तरफ झुके होने के कारण मकर रेखा पर सूर्य की किरणे सीधी पड़ती है। जिसके कारण दक्षिणी गोलार्ध के बहुत बड़े भाग पर प्रकाश प्राप्त होता है। इस लिए दक्षिणी गोलार्ध में लंबे दिन एवं छोटी रातें वाली ग्रीष्म ऋतु होती है। इस अवस्था को दक्षिणी अयनात कहा जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
मेरे प्रिय दोस्तों विश्व भूगोल के Din Aur Raat Kaise Hote Hain के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी है। यदि मेरे द्वारा इस लेख में कोई भी तथ्य शेष रह गया हो, तो आप जरूर कमेन्ट करें। धन्यवाद।
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FAQ
Q.दिन और रात होने का क्या कारण है?
पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूर्णन करने के कारण दिन और रात होते है।
Q.दिन और रात बराबर कब होते हैं?
21 मार्च एवं 23 सितंबर को सूर्य की किरणे विषुवत वृत्त पर सीधी पड़ती है। इस अवस्था में कोई भी ध्रुव सूर्य की तरफ नहीं झुका होता है, इसलिए पूरी पृथ्वी पर दिन और रात बराबर होते है। इसे विषुव कहा जाता है।