मेरे प्यारे दोस्तों अज हम आप सबको विज्ञान विषय के अंतर्गत “विटामिन कितने प्रकार के होते है” के बारे में विस्तृत रूप से बतायेंगे। विटामिन शब्द का प्रयोग सी फंक द्वारा सन 1911ई० में किया गया था। विटामिन के नामों का नामकरण अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षरोंA,B,C,D,E,K)( के अनुसार किया गया है। यदि शरीर में विटामिन की कमी हो जाय तो शरीर कई रोगों से ग्रसित हो जाता है।
विटामिन हमारे शरीर के लिए इस प्रकार के यौगिक है, चाहे वे कितनी मात्रा में कम हो, परंतु शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। विटामिन हमें भोजन के द्वारा प्राप्त होते है। शरीर विटामिन का निर्माण नहीं करता है, यदि निर्माण भी होता है, तो बहुत कम मात्रा में। जिसकी कमी हम भोजन के द्वारा पूर्ण कर लेते है। विटामिन C मनुष्य के शरीर में नहीं बनता है। यह हमें भोजन के द्वारा मिलता है। जानवर में कुत्ता द्वारा
विटामिन्स ऐसे कार्बनिक यौगिक है जो कि चाहे कम मात्रा में ही सही परन्तु हमारे शरीर के उचित कामकाज के लिए बहुत ही आवश्यक हैं। यह हमे भोजन से मिलते हैं। हमारा शरीर खुद से विटामिन्स नहीं बनाता या बहुत ही कम मात्रा में बनाता है तो इनकी कमी हम भोजन से पूरी करते हैं। About Vitamins in Hindi के इस ब्लॉग में जैसे कि मनुष्य का शरीर विटामिन C नहीं बना सकता तो हमे यह भोजन से लेना पड़ता है, परन्तु कुछ ऐसे जानवर हैं जैसे कि कुत्ता, जिनका शरीर खुद से विटामिन C बना सकता है। आइए जानते हैं About Vitamins in Hindi और विटामिन क्या है के बारे में विस्तार से।
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विटामिन कितने प्रकार के होते है
विटामिन शरीर को ऊर्जा नहीं प्रदान करता है।शरीर को ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट एवं वसा से मिलता है। विटामिन दो प्रकार के होता है, जैसे जल में घुलने वाले विटामिन एवं वसा में घुलने वाले विटामिन।
विटामिन कितने प्रकार के होते है : विटामिन को विलेय के आधार पर इसे दो प्रमुख भागों में विभाजित किया गया-
जल में घुलने वाले विटामिन :
जल में घुलने वाले विटामिन को शरीर स्वयं नहीं निर्मित करता है। यदि इन विटामिन की मात्रा शरीर में अधिक हो जाए तो जल के साथ शरीर से बाहर हो जाते है। जल में घुलने वाले विटामिनों के नाम- विटामिन-B और विटामिन-C है।
वसा में घुलने वाले विटामिन :
वसा में घुलने वाले विटामिन-A, विटामिन-D, विटामिन-E, और विटामिन-K है। विटामिन-D एवं विटामिन-K जो की हमारे शरीर द्वारा संश्लेषित हो जाते है। जो विटामिन हमारे शरीर द्वारा संश्लेषित होते है, उनकी प्रतिपूर्ति हमारे शरीर के लिए पर्याप्त नहीं है। उसके लिए हमें भोजन की अवश्यकता है।
विटामिन कितने प्रकार के होते है एवं उनके नाम :
विटामिन (Vitamin ke Prakar) कितने प्रकार के होते है, उनके नामों के बारे में यहाँ पर अध्ययन करेंगे।
1. विटामिन ए (Vitamin A)
2. विटामिन बी (Vitamin B)
3. विटामिन बी2 (Vitamin B2)
4. विटामिन बी3 (Vitamin B3)
5. विटामिन बी5 (Vitamin B5)
6. विटामिन बी6 (Vitamin B6)
7 विटामिन बी7 (Vitamin B7)
8. विटामिन बी12 (Vitamin B12)
9. विटामिन सी (Vitamin C)
10 विटामिन डी (Vitamin D)
11. विटामिन ई (Vitamin E)
12. विटामिन के (Vitamin k)
विटामिन ए (Vitamin A) :
विटामिन ए को एंटीजीरोथैलमिक(antixeropthalmic) भी कहा जाता है। विटामिन ए आंतों में कैरोटीन की मदद से बनाया जाता है। यह विटामिन जल में घुलनशील है। हमारे शरीर को भोजन से विटामिन ए 5000 यूनिट मिलना चाहिय। विटामिन-A से श्वसन अंगों, पाचन अंगों एवं मूत्र नली को सशक्त रखना। शरीर को कोमल बनाए रखना। आँखों की रोशनी को भी बढ़ाती है। इस विटामिन की कमी से रतौंधी नामक रोग होता है, त्वचा खुरदरी हो जाती है, विटामिन ए के स्रोत- दूध, अंडा,पनीर, गाजर आदि में मिलता है।
विटामिन (ए) की कमी से होने वाला रोग :
- विटामिन A (ए) की कमी से रतौंधी नामक रोग होता है।
- इस विटामिन की कमी से त्वचा संबंधी बीमारी भी हो जाती है।
- हमारे शरीर में कैल्शियम का संतुलन बनाये रखता है, जिससे हड्डियाँ मजबूत रहती है।
विटामिन (ए) के स्रोत :
- हमारे शरीर में विटामिन को पूरा करने वाले खाद्य पदार्थ में दूध, गाजर, संतरा, ब्रोकली, शकरकंद आदि।
- हरी सब्जियां पत्तेदार, फलियाँ आदि।
विटामिन बी (Vitamin B) :
विटामिन बी का रासायनिक नाम थायमीन है। यह विटामिन पानी में घुलनशील है। इस विटामिन का निर्माण छोटी आंत में होता है। विटामिन बी का एक समूह है। जिसमें विटामिन बी थायमीन बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। विटामिन के कई प्रकार के विटामिन की खोज हो चुकी है, सभी प्रकार के विटामिनों के समूह को विटामिन बी कॉम्प्लेक्स कहा जाता है।
विटामिन बी की शरीर में यदि कमी होती है, तो इससे बेरी-बेरी नामक रोग होता है। जैसे शरीर में दर्द होना, हृदय एवं यकृत कार्य करना बंद कर देते है।
विटामिन बी की कमी से होने वाले रोग :
- विटामिन बी की कमी से बेरी बेरी नामक रोग होता है।
- शरीर में दर्द होना, एनीमिया, मानसिक बीमारी भी हो जाती है।
विटामिन बी के स्रोत :
- विटामिन बी के स्रोत मूंगफली, तिल, मिर्च, बिना धुली हुई दाल, यकृत, अंडा एवं हरी सब्जियां।
विटामिन बी2 (Vitamin B2) :
विटामिन बी2 का रासायनिक नाम राइबोफ्लेबिन है। इस विटामिन की अवश्यकता हमें 2 मिलीग्राम प्रतिदिन है। इस विटामिन के कमी से हमारे त्वचा पर फोड़ा हो जाना। जिह्वा कट सी लगती है। आँखों का लाल हो जाना। इस विटामिन के स्रोत है- खमीर,कलेजी,मांस,हरी सब्जियां, दूध आदि।
विटामिन बी2 (Vitamin B2) की कमी से होने वाला रोग :
- त्वचा पर फोड़ होना।
- जीभ कटी होना।
- आंख का लाल होना।
विटामिन बी2 (Vitamin B2) के स्रोत :
- विटामिन बी के प्रमुख स्रोत है – गेहूँ, दूध, मूंगफली, संतरा,टमाटर आदि।
विटामिन बी3(Vitamin B3) :
इस विटामिन का रासायनिक नाम पैनटोथेनीक अम्ल है। यह हमारे शरीर के लिए आवश्यक है। यदि यह हमारे शरीर में कम पड़ जाए तो इसकी कमी से बालों का सफेद होना, मंद बुद्धि का होना आदि। इस विटामिन के स्रोत है- मांस,दूध,मूंगफली, गन्ना टमाटर आदि।
विटामिन बी3(Vitamin B3) की कमी से होने वाले रोग :
- विटामिन बी 3 की कमी से बालों का सफेद होना।
- मंद बुद्धि होना।
विटामिन बी3(Vitamin B3) के स्रोत :
- स्रोत : दूध, गन्ना, मूंगफली, मांस और टमाटर आदि।
विटामिन बी5 (Vitamin B5)
विटामिन B5 के दो रासायनिक नाम है, पहला निकोटिनैमाइड अथवा नियासिन है। यह विटामिन हमारे त्वचा को चर्मरोगों से सुरक्षा प्रदान करता है। इसकी कमी से दाद, खाज, या पेलाग्रा, 4Dसिंड्रोम नामक बीमारी हो जाती है। इस विटामिन के स्रोत है- मांस, मूंगफली, आलू,टमाटर आदि।
6. विटामिन बी6 (Vitamin B6)
विटामिन B6 का रासायनिक नाम पाइरीडॉक्सिन है। इस विटामिन की कमी से हमारे शरीर में खून की कमी पाई जाती है। इस विटामिन की पूर्ति के लिए आयरन युक्त पोषक खाद्य पदार्थों को ही भोजन में शामिल करना चाहिए। इस विटामिन की कमी के कारण एनीमिया एवं त्वचा रोग हो जाता है।
विटामिन बी6 के कमी से होने वाला रोग :
- इस विटामिन की कमी से हमारे शरीर में खून की कमी पाई जाती है।
विटामिन बी6 के स्रोत :
- यकृत, मांस एवं अनाज आदि।
विटामिन बी7 (VitaminB7) :
शरीर में यदि विटामिन B7 की कमी हो जाए तो शरीर लकवा ग्रसित हो जाता है। बाल झड़ने लगते है। शरीर में दर्द बहुत होने लगता है। इस विटामिन के स्रोत- मांस,अंडा, यकृत और दूध।
विटामिन बी7 (VitaminB7) की कमी से होने वाला रोग :
- इस विटामिन की कमी से शरीर लकवा ग्रस्त हो जाता है।
विटामिन बी7 के स्रोत :
- इस विटामिन के स्रोत- मांस,अंडा, यकृत और दूध।
विटामिन बी12(Vitamin B12) :
विटामिन B12 का रासायनिक नाम साएनोकाबलामिन है। इस विटामिन की कमी से एनीमिया एवं पांडु रोग हो जाता है। यह विटामिन मांस,कलेजी और दूध में पाया जाता है।
विटामिन बी12 की कमी से रोग :
- इस विटामिन की कमी से एनीमिया, पांडु रोग हो जाता है।
विटामिन बी12 के स्रोत :
- विटामिन मांस,कलेजी और दूध में पाया जाता है।
विटामिन सी (Vitamin C) :
विटामिन C जल में घुलनशील विटामिन है। यह विटामिन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। यह विटामिन त्वचा, मसूड, दांतों को मजबूत रखता है। इस विटामिन की कमी के कारण स्कर्वी रोग हो जाता है। इस विटामिन के स्रोत है- नींबू,टमाटर आंवला,संतरा सभी खट्टे फलों में मिलता है। आँवला में सबसे ज्यादा विटामिन C की मात्रा होती है।
विटामिन सी (Vitamin C) की कमी से रोग :
- इस विटामिन की कमी से स्कर्वी होता है।
विटामिन सी (Vitamin C) के स्रोत :
- विटामिन सी के स्रोत नींबू,टमाटर आंवला,संतरा सभी खट्टे फलों में मिलता है।
- आंवला में सबसे ज्यादा यह विटामिन पाया जाता है।
विटामिन डी (Vitamin D) :
विटामिन वसा में घुलनशील विटामिन है, इस विटामिन कमी से बच्चों में हड्डियाँ कमजोर हो जाती है, जिससे हड्डियों का टूटना संभव हो जाता है इसे सूखा(रिकेट्स) रोग हो जाता है। वयस्क में हड्डियों का मुलायम होना जिसे ऑस्टियोमलेशिया जाता है। एवं हड्डियों के कमजोर होने को ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है। यह विटामिन धूप सेकने से भी प्राप्त हो जाती है।
हो जाता है। यह विटामिन हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है। कैल्शियम एवं फास्फोरस के यह विटामिन संयोजन स्थापित रखता है। हमारे शरीर को 200 यूनिट इस विटामिन की अवश्यकता होती है। प्रेग्नेंट महिलाओं एवं बच्चों को 800 यूनिट इस विटामिन की अवश्यकता होती है। इस विटामिन के स्रोत है- मछली,अंडा,दूध,यकृत में पाया जाता है।
विटामिन डी (Vitamin D) की कमी से रोग :
- बच्चों की हड्डियाँ कम हो जाती है।
- सूखा रोग हो जाता है।
विटामिन डी (Vitamin D) के स्रोत :
विटामिन डी के स्रोत है – दूध, पनीर, मछली, अंडा, मशरूम आदि।
विटामिन ई (Vitamin E) :
वसा में घुलनशील विटामिन है। इस विटामिन की कमी से नपुंसकता एवं बांझपन रोग हो जाता है। हृदय एवं धमनी के रोगों के उपचार के लिए बहुत ही आवश्यक है। यह विटामिन रुधिर को थक्का बनने से रोकता है। विटामिन E संकुचित रुधिर वाहिकाओं को फैलता है। जिससे रक्त परिसंचरण में कोई बाधा न आये। घाव को जल्द भरने में बहुत मदद करता है। इस विटामिन के स्रोत है-अंकुरित अनाज, हरी सब्जियां, टमाटर, सोयाबीन एवं अंडे ।
विटामिन ई (Vitamin E) के कमी से रोग :
- विटामिन E की कमी से होने वाला रोग है, जैसे – नपुंसकता, बांझपन आदि।
विटामिन ई (Vitamin E) के स्रोत :
- विटामिन ई के स्रोत :अंकुरित अनाज, हरी सब्जियां, टमाटर, सोयाबीन एवं अंडे।
विटामिन के (Vitamin K) :
विटामिन K का रासायनिक नाम फिलोकिवनोस है। इस विटामिन की कमी से रक्त में थक्का नहीं बनता है। यह विटामिन हरे पत्तेदार सब्जियां, टमाटर और हमारी आंतों में यह स्वयं उत्पन्न होता है।
विटामिन के (Vitamin K) की कमी से रोग :
- इस विटामिन की कमी से खून का थक्का न बनना।
विटामिन के (Vitamin K) के स्रोत :
- विटामिन के हरे पत्तेदार सब्जियां, टमाटर और हमारी आंतों में यह स्वयं उत्पन्न होता है।
विटामिन कितने प्रकार के होते है का चार्ट
विटामिन | रासायनिक नाम | विटामिन की कमी से होने वाले रोग | विटामिन के स्रोत |
विटामिन-A | रेटिनॉल | रतौंधी,संक्रमण का खतरा,जीरोप्थैलमिया | दूध,अंडा,मांस,हरी सब्जियां आदि |
विटामिन-B | थायमीन | बेरी-बेरी | मूंगफली,तिल,दाल,अंडा एवं सब्जियां |
विटामिन-B2 | राइबोफ्लेविन | त्वचा का फटना,आँख का लाल होना आदि | खमीर,कलेजी,मांस आदि |
विटामिन-B3 | पैंटोंथेनिक अमल | बाल सफेद होना,मंद बुद्धि होना। | मांस, दूध, मूंगफली, गन्ना |
विटामिन-B5 | निकोटिनैमाइड नियासिन | पेलग्रा(त्वचा दाद), या 4D सिंड्रोम | मांस,मूंगफली,आलू, टमाटर आदि |
विटामिन-B6 | पाइरीडॉक्सिन | एनीमिया एवं त्वचा रोग | यकृत,मांस और अनाज |
विटामिन-B7 | बायोटीन | लकवा, शरीर में दर्द, बालों का गिरना | मांस, यकृत अंडा, दूध |
विटामिन-B12 | सायनोकोबालामिन | एनीमिया और पांडुरोग | मांस, कलेजी,दूध |
विटामिन-C | एस्कॉर्बिक एसिड | स्कर्वी,मसूढ़े का सूजन | नींबू,संतरा,नारंगी,खट्टे पदार्थ |
विटामिन-D | कैल्सिफेरॉल | रिकेट्स,ऑस्टियोमलेशिया | मछली,यकृत,तेल,दूध अंडे। |
विटामिन-E | टोकोफेरॉल | बांझपन का होना | अंकुरित अनाज,वनस्पति तेल,दूध आदि। |
विटामिन-K | फईलोकिवनोस | रक्त का थक्का न बनना | टमाटर,हरे पत्तेदार सब्जियां एवं आंतों में भी उत्पन्न होते है |
विटामिन कितने प्रकार के होते है, के रासायनिक नाम:
- विटामिन A- रेटिनॉल(Retinol)
- विटामिन B- थायमीन (Thiamine)
- विटामिन B2– राइबोफ्लेविन(Riboflavin)
- विटामिन B3– नायसिन (Niacin)
- विटामिन B6– पायरीडॉक्सीन(Pyridoxin)
- विटामिन B7– बायोटिन (Biotin)
- विटामिन B9– फ्लोएट (Floate)
- विटामिन-B12सायनोकोबालामिन(Cyanocobalamin)
- विटामिन D- कैल्सिफेरॉल(Calciferol)
- विटामिन E- टोकोफेरॉल (Tocoferol)
- विटामिन K- नैपथोंकिवनोन/फिलोकिवनोन (Napthoquinone/Filoquinone)
निष्कर्ष/ Conclusion:
मेरे प्यारे मित्रों अपको यह पोस्ट विटामिन कितने प्रकार के होते है, के बारे में विस्तृत जानकारी दी है, यह पोस्ट पढ़कर आपको अच्छा लगा हो, तो अपना सुझाव अवश्य मुझे दें।
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Q.विटामिन कितने प्रकार के होते है?
विटामिन की कुल संख्या 13 होती है, जिसमें Vitamin A, VitaminB, VitaminC, Vitamin-D, Vitamin-E, Vitamin-K आदि होती है।
Q. विटामिन की खोज किसने की है ?
A. विटामिन शब्द का प्रयोग सी फंक द्वारा सन 1911ई० में किया गया था।
Q. विटामिन बी कितने प्रकार के होते है?
A. विटामिन बी 7 प्रकार के होते है ।
विटामिन B- थायमीन (Thiamine)
विटामिन B2– राइबोफ्लेविन(Riboflavin)
विटामिन B3– नायसिन (Niacin)
विटामिन B6– पायरीडॉक्सीन(Pyridoxin)
विटामिन B7– बायोटिन (Biotin)
विटामिन B9– फ्लोएट (Floate)
विटामिन-B12सायनोकोबालामिन(Cyanocobalamin)